इजरायल हिज़बुल्लाह संघर्ष :
लेबनान स्थित उग्रवादी समूह हिज़बुल्लाह और इजरायल के बीच सैन्य संघर्ष तेज हो गया है। हिज़बुल्लाह ने इजरायल के प्रमुख सैन्य ठिकानों पर कई विस्फोटक ड्रोन और रॉकेट हमले किए हैं। जवाबी कार्रवाई में, इजरायल ने लेबनान में हिज़बुल्लाह के ठिकानों पर बड़े पैमाने पर हवाई हमले शुरू किए हैं। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सुरक्षा कैबिनेट की आपात बैठक बुलाई और अगले 48 घंटों के लिए पूरे देश में आपातकाल की घोषणा कर दी है। इस संघर्ष से क्षेत्र में तनाव और बढ़ गया है, जिससे भविष्य में और भी गंभीर टकराव की आशंका है।

लेबनान स्थित उग्रवादी समूह हिज़बुल्लाह और इजरायल के बीच तनाव एक बार फिर चरम पर पहुंच गया है। हाल के दिनों में हुए घटनाक्रमों ने दोनों पक्षों के बीच सैन्य संघर्ष को और भी गंभीर बना दिया है। हिज़बुल्लाह ने रविवार को इजरायल के प्रमुख सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर कई विस्फोटक ड्रोन और रॉकेट हमले किए। यह हमला इजरायल द्वारा हिज़बुल्लाह के एक शीर्ष कमांडर की हत्या के बाद बदले की कार्रवाई के रूप में सामने आया है।
हिज़बुल्लाह का हमला और उसके प्रभाव
हिज़बुल्लाह ने अपने बयान में कहा कि उसने इजरायल के खिलाफ यह कार्रवाई इसलिए की है क्योंकि इजरायल ने उसके सैन्य कमांडर फुआद शुकर की हत्या की थी। इस हमले में हिज़बुल्लाह ने न केवल इजरायल के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया, बल्कि इसके अलावा इजरायल के उत्तरी हिस्से में 100 से अधिक रॉकेट भी दागे गए।
इजरायल की जवाबी कार्रवाई
इस खतरे को भांपते हुए, इजरायल ने भी तुरंत प्रतिक्रिया दी और लेबनान में हिज़बुल्लाह के ठिकानों पर हवाई हमले शुरू कर दिए। इजरायली रक्षा बल (आईडीएफ) ने रविवार सुबह बयान जारी कर कहा कि यह हमला हिज़बुल्लाह द्वारा इजरायल पर “बड़े पैमाने पर” हमले की योजना को नाकाम करने के लिए किया गया है। इजरायल की वायु सेना ने उन ठिकानों पर हमले किए, जिन्हें हिज़बुल्लाह द्वारा नागरिकों के लिए खतरे के रूप में देखा गया।
इजरायल में आपातकाल की घोषणा
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार सुबह सुरक्षा कैबिनेट की एक आपात बैठक बुलाई। इस बैठक के बाद, इजरायल के रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने अगले 48 घंटों के लिए पूरे देश में आपातकाल की घोषणा कर दी। इस आपातकाल के तहत, आईडीएफ होम फ्रंट कमांड को नागरिकों पर प्रतिबंध लगाने के लिए विशेष अधिकार मिल गए हैं।
क्षेत्रीय तनाव और भविष्य की आशंकाएँ
यह संघर्ष कई हफ्तों से बढ़ते तनाव के बाद हुआ है। हिज़बुल्लाह और उसके सहयोगी ईरान ने फुआद शुकर की हत्या का बदला लेने की कसम खाई थी, और अब यह टकराव उस बदले की कार्रवाई का हिस्सा है।
इस घटनाक्रम से न केवल इजरायल और लेबनान के बीच, बल्कि पूरे मध्य पूर्व में तनाव बढ़ गया है। हिज़बुल्लाह की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि यह हमला केवल शुरुआत है और भविष्य में और भी बड़े हमले किए जा सकते हैं।
इजरायल की तरफ से भी इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि अगर हिज़बुल्लाह के हमले जारी रहते हैं, तो इजरायल और भी गंभीर जवाबी कार्रवाई कर सकता है। इस संघर्ष के बढ़ने की पूरी आशंका है, और यह स्थिति क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा बन सकती है।
इजरायल और हिज़बुल्लाह के बीच बढ़ते तनाव ने मध्य पूर्व में एक नई उथल-पुथल को जन्म दे दिया है। दोनों पक्षों के बीच सैन्य संघर्ष न केवल स्थानीय, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी गंभीर परिणाम ला सकता है। आने वाले दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस संघर्ष को नियंत्रित करने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं, या फिर यह टकराव और भी गंभीर हो जाएगा।